नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान केवल चर्चाओं से नहीं होगा, बल्कि इसके लिए घर-घर में व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता है। आज विश्व बैंक के एक आयोजन में अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि अरबों लोगों के छोटे-छोटे प्रयासों के परिणाम बड़े हो सकते हैं। आयोजन का विषय था–व्यवहार परिवर्तन से जलवायु परिवर्तन समाधान। प्रधानमंत्री ने कहा कि जन आंदोलन और व्यवहार परिवर्तन के मामले में, देशवासियों ने पिछले कुछ वर्षों में काफी कुछ किया है। उन्होंने इस संबंध में लिंग अनुपात में सुधार, व्यापक स्वच्छता अभियान और एलईडी बल्बों के उपयोग की चर्चा की जिससे प्रतिवर्ष कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 3 करोड़ 90 लाख टन की कमी आई है। श्री मोदी ने कहा कि लगभग सात सौ हज़ार हेक्टेयर कृषिभूमि में सूक्ष्म सिंचाई से काफी जल की बचत हुई है।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थाओं से अपील की कि वे मिशन लाइफ जैसी व्यवहारजनित पहलों को अपनाने के लिए देशों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्याप्त धन की उपलब्धता के तौर-तरीक़े ढूंढने होंगे। श्री मोदी ने विश्व बैंक से जलवायु परिवर्तन पर और अधिक ध्यान देने की अपील भी की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान में मिशन लाइफ जैसी पहलें बहुत कारगर सिद्ध होंगी। इस बीच, विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने भारत के मिशन लाइफ पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है समुचित मूल्य निर्धारण नीति, संस्थानों के प्रयासों और सही आर्थिक प्रोत्साहन से व्यवहार में पर्यावरण-अनुकूल परिवर्तन लाना संभव है।